(साभार – गूगल) |
खुली आँखों में सच होता है
बंद आँखों में सपना
सपने अदृश्य होते हैं
पर बेहद आस-पास होते हैं -
जैसे फूल में मकरंद
जैसे श्वास में प्राणवायु
हालाकि सारे सपने सच नहीं होते
पर सच की कोख से जनमते हैं
और सच से बड़े होते हैं
सपनों में धवल-धूसर कई रंग होते हैं
जोश होता है, जज़्बा होता है
जोश होता है, जज़्बा होता है
और सच का भविष्य पलता है
सबके अपने–अपने सपने होते हैं - ,
नदी के सपनों में जल, मछलियाँ, मल्लाहों के गीत और पनहारिनों का मुखड़ा आता होगा
नदी के सपनों में जल, मछलियाँ, मल्लाहों के गीत और पनहारिनों का मुखड़ा आता होगा
पहाड़ के सपनों में आते होंगे जंगल-झरने, मेघ, पशु-पंछी, हिमपात
समुद्र के सपनों में चंचल नदियाँ, गिरती-उठती लहरें और जलयात्राओं के साहसिक किस्से
चिड़ियों को दाना, मोर को सावन की घटा और मधुमक्खियों को फूलों के सपने आते होंगे
किसानों को आते होंगे लहलहाते खेत और पकी हुई बालियों के सपने
किसानों को आते होंगे लहलहाते खेत और पकी हुई बालियों के सपने
लोग कहते हैं –
सपने वे नहीं होते जो जागती आँखों में आते हैं
सपने वे होते हैं जो हमें सोने नहीं देते
ऐसे में अपनों के गुजर जाने से भी गहरा दु;ख होता है -
किसी के सपनों का मर जाना
फिर दु:स्वप्न का दौर-सा चलता है -
तब नदी रेत से भर जाती है / मछलियाँ तड़पकर मर जाती हैं
गीत में दु:ख समा जाता है / पहाड़ ठूँठ हो जाता है, नीड़ उजड़ जाते हैं
समुद्र को सुनामी का अंदेसा होता है, दरियाई घोड़े और शार्क नजर आते हैं
हिरणों को बाघ, चिड़ियों को बहेलिये का बिछा जाल दिखता है
और मधुमक्खियाँ देखने लगती हैं अपना उजड़ा हुआ छत्ता
विष खाकर किसान अपने खेत की मेड़ पर लेट जाता है
विष खाकर किसान अपने खेत की मेड़ पर लेट जाता है
सपनों के टूटने-बिखरने का दु:ख उतना गहरा नहीं होता
जितना गहरा होता है हमारे सपनों का मर जाना|
अच्छी रचना!
ReplyDeleteभाई सुशील जी, आपने कितनी बड़ी बात लिख दी है अपनी इस कविता में…सपना और सच, दोनों ही कविता में जिस गहनता में समाविष्ट हुए हैं, देखकर दंग हूँ। एक बहुत ही सुन्दर कविता के लिए बधाई !
ReplyDeleteANGREZEE KAA EK SHABD HAI - CLASSICAL . AAPKEE
ReplyDeleteKAVITA CLASSICAL HEE NAHIN , MAGICCAL BHEE HAI .
VICHAR AUR BHAVNA KAA SUNDAR SANGAM HAI .
Sundar prstuti...
ReplyDeleteसबका अपना-अपना सपना होता है - मसलन,
ReplyDeleteनदी के सपने में जल, मछलियाँ, मल्लाहों के गीत और पनहारिनों का मुखड़ा आता होगा
पहाड़ के सपने में जंगल-झरना, जल भरा मेघ, पशु-पंछी, हिमपात इत्यादि
समुद्र के सपने में चंचल नदियाँ, गिरती-उठती लहरें और जलयात्राओं के साहसिक किस्से होते होंगे
चिड़ियों को दाना चुगने, मोर को सावन की घटा और मधुमक्खियों को फूलों के सपने आते होंगे
किसान को लहलहाते खेत और पकी हुई बालियों के सपने आते होंगे
मगर किसी के गुजर जाने से भी ज्यादा दु;ख भरी बात होती है -
किसी के सपनों का मर जाना .........
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सपने मर गए तो न साँसें
न उम्मीद
न कोई इंतज़ार - जीते जी ठहरी हुई लाश .
आपकी हर रचनाएं वेड ऋचाओं सी होती हैं
sushil bhee!
ReplyDeletesashakt rachna hetu sadhuvad.